Imprint: Orient Publishing
Publication Date: 04 Oct, 2010
Pages Count: 176 Pages
Weight: 185.00 Grams
Dimensions: 5.50 x 8.50 Inches
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About the Book:
मेरी सर्वोत्तम कहानियां हिन्दी साहित्य की अमूल्य निधि है। इसमें प्रेमचन्द की पन्द्रह सर्वश्रेष्ठ कहानियां संकलित की गईं हैं जो उर्दू और हिन्दी भाषा में रचित हैं। इन कहानियों की कथा-शैली और साहित्यिक गुणवत्ता देखते ही बनती है।
प्रेमचन्द ने कथा की बारीकियों पर कब्ज़ा करने की उल्लेखनीय क्षमता दिखाई।
प्रेमचन्द भारत है... यदि आपने प्रेमचन्द नहीं पढ़ा तो आप बहुत कुछ से वंचित हैं।
प्रेमचन्द (31 जुलाई, 1880 — 8 अक्तूबर 1936) के उपनाम से लिखने वाले धनपत राय श्रीवास्तव हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं। उन्हें मुंशी प्रेमचन्द व नवाब राय नाम से भी जाना जाता है और उपन्यास सम्राट के नाम से अभिहित किया जाता है। इस नाम से उन्हें सर्वप्रथम बंगाल के विख्यात उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने संबोधित किया था। प्रेमचन्द ने हिन्दी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी शती के साहित्य का मार्गदर्शन किया। आगामी एक पूरी पीढ़ी को गहराई तक प्रभावित कर प्रेमचन्द ने साहित्य की यथार्थवादी परंपरा की नींव रखी। उनका लेखन हिन्दी साहित्य की एक ऐसी विरासत है जिसके बिना हिन्दी के विकास का अध्ययन अधूरा होगा। वे एक संवेदनशील लेखक, सचेत नागरिक, कुशल वक्ता तथा सुधी संपादक थे। बीसवीं शती के पूर्वार्द्ध में, जब हिन्दी में की तकनीकी सुविधाओं का अभाव था, उनका योगदान अतुलनीय है।