सम्पूर्ण ज्योतिष का आधार जन्मपत्री ही है। जब तक जन्मपत्री सही रुप से नहीं बनाई जाती, तब तक फल कथन में पूर्णता और प्रमाणिकता नहीं आ पाती।जन्मपत्री अपने ढ़ग की पहली पुस्तक है, जिसके माध्यम से सही more...
फल-कथन तथा ग्रहों के आधार को ध्यान में रखकर भविष्य-फल स्पष्ट करना ज्योतिष विग्यान में सम्भवतः सर्वाधिक कठिन कार्य है। कुण्डली में कुल बारह भाव होते हैं। यह बारह भाव जीवन के विशिष्ट पहलुओं को अपने आप more...