Refine Your Search

Price

Availability

Binding

Language

Publication Year | Clear
2013 (4)

प्रेमचन्द (Premchand)

My Books and Biodata


प्रेमचन्द (31 जुलाई, 1880 — 8 अक्तूबर 1936) के उपनाम से लिखने वाले धनपत राय श्रीवास्तव हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं। उन्हें मुंशी प्रेमचन्द व नवाब राय नाम से भी जाना जाता है और उपन्यास सम्राट के नाम से अभिहित किया जाता है। इस नाम से उन्हें सर्वप्रथम बंगाल के विख्यात उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने संबोधित किया था। प्रेमचन्द ने हिन्दी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी शती के साहित्य का मार्गदर्शन किया। आगामी एक पूरी पीढ़ी को गहराई तक प्रभावित कर प्रेमचन्द ने साहित्य की यथार्थवादी परंपरा की नींव रखी। उनका लेखन हिन्दी साहित्य की एक ऐसी विरासत है जिसके बिना हिन्दी के विकास का अध्ययन अधूरा होगा। वे एक संवेदनशील लेखक, सचेत नागरिक, कुशल वक्ता तथा सुधी संपादक थे। बीसवीं शती के पूर्वार्द्ध में, जब हिन्दी में की तकनीकी सुविधाओं का अभाव था, उनका योगदान अतुलनीय है।


Displaying 1 - 4 of 4 titles

महिला-केन्द्रित साहित्य के इतिहास में इस उपन्यास का विशेष स्थान है। इस उपन्यास की मुखय पात्र 15 वर्षीय सुन्दर और सुशील लड़की है। निर्मला नाम की लड़की का विवाह एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति से कर दिया जाता more...

In stock


145.00
$ 2.24



एक महाकाव्यात्मक उपन्यास! जैसा कि नाम से स्‍पष्‍ट है प्रेमचन्द ने इस संसार को विशाल रंगभूमि माना है, जिस पर जीवन रूपी विराट् नाटक खेला जाता है। इस नाटक का सूत्रधार ईश्‍वर है और सांसारिक प्राणी उसके more...

In stock


225.00
$ 3.48



उपलब्ध प्रमाणों के आधार पर निर्विवाद रूप से कहा जा सकता है कि ‘ग़बन’ उपन्यास का प्रथम संस्करण स्वयं प्रेमचन्द की प्रेस तथा प्रकाशन-संस्थान सरस्वती प्रेस, बनारस से फरवरी, 1931, मे प्रकाशित हुआ।पूर्ण more...

In stock


195.00
$ 3.02



प्रेमचन्द की यह दलित प्रधान कहानियाँ अनायास पाठक के मन को छू जाती हैं। ‘सद्गति’ में एक चमार की दूर्दशा का वर्णन है, जिसपर 1981 में हिन्दी फिल्म भी फिल्माई गई थी। ‘गुल्ली-डंडा’ दो दोस्तों की ऐसी कथा more...

Available


50.00
$ 1.00