महिला-केन्द्रित साहित्य के इतिहास में इस उपन्यास का विशेष स्थान है। इस उपन्यास की मुखय पात्र 15 वर्षीय सुन्दर और सुशील लड़की है। निर्मला नाम की लड़की का विवाह एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति से कर दिया जाता more...
एक महाकाव्यात्मक उपन्यास! जैसा कि नाम से स्पष्ट है प्रेमचन्द ने इस संसार को विशाल रंगभूमि माना है, जिस पर जीवन रूपी विराट् नाटक खेला जाता है। इस नाटक का सूत्रधार ईश्वर है और सांसारिक प्राणी उसके more...
उपलब्ध प्रमाणों के आधार पर निर्विवाद रूप से कहा जा सकता है कि ‘ग़बन’ उपन्यास का प्रथम संस्करण स्वयं प्रेमचन्द की प्रेस तथा प्रकाशन-संस्थान सरस्वती प्रेस, बनारस से फरवरी, 1931, मे प्रकाशित हुआ।पूर्ण more...
A critical interpretation of the oldest living tradition by one of the greatest thinker-philosophers of the twentieth century.Hinduism has always been more than just a religion; it is a more...
Shakuntala Devi the mathematical genius often called the 'Human Computer' turns her attention to study the highly complex mental equations of a human mind gripped by greed, lust and selfishness.A more...
19वीं और 20वीं सदी के महान् लेखकों की कहानियों का उत्कृष्ट संग्रह।इन कहानियों को चुनते समय इस बात का ध्यान रखा गया है कि प्रत्येक कहानी में कोई-न-कोई ऐसी विशेषता अवश्य हो जो उस कहानी को औरों से अलग more...